लेखक:
कुन्दनिका कपाडिया
कुंदनिका कापडीआ (जन्म : 11 जनवरी 1927) गुजराती की शीर्षस्थ कथा-लेखिकाओं में से एक हैं। ‘फेमिनिन मूवमेंट' शुरू होने से बहुत पहले ही नारी-मुक्ति की समस्याओं पर बड़ी हिम्मत से उन्होंने कहानियाँ लिखना शुरू किया। उनकी बेबाक लेखनी ने काफी तहलका मचाया। उनकी दो दर्जन से अधिक प्रकाशित कृतियों में वधु ने वधु सुंदर, कागल नी होडी, जवा दइशुं तमने; मनुष्य थवुं एवं कुंदनिका कापडीआ नी श्रेष्ठ वार्ताओं नामक कहानी-संग्रह तथा अने परोढ थता पहेलां; अगन पिपासा एवं सात पगलां आकाशमां नामक उपन्यास शामिल हैं। यात्रिक और नवनीत पत्रिकाओं के संपादन से जुड़ी रहीं कुंदनिका कापडीआ अनेक पुरस्कार-सम्मानों से विभूषित हैं। सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में संस्कृत की प्रोफेसर नंदिनी मेहता संस्कृत, हिंदी और गुजराती भाषा एवं साहित्य की विदुषी तथा परस्पर अनुवादिका हैं। नंदिनी मेहता को प्रस्तुत पुस्तक के हिंदी अनुवाद के लिए साहित्य अकादेमी का अनुवाद पुरस्कार (1993) प्राप्त है। |
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अगनपिपासाकुन्दनिका कपाडिया
मूल्य: $ 9.95 अगनपिपासा... आगे... |
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दीवारों से पार आकाशकुन्दनिका कपाडिया
मूल्य: $ 12.95
पुरुषप्रधान समाज में स्त्रियों पर सदियों से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष अन्याय होते रहे है,उसके सैकड़ों रूप इस कहानी में उजागर हुए है..... आगे... |